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Not known Facts About shiv chalisa lyricsl

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दुष्ट सकल नित मोहि सतावै । भ्रमत रहे मोहि चैन न आवै॥ जय सविता जय जयति दिवाकर!, सहस्त्रांशु! सप्ताश्व तिमिरहर॥ भानु! पतंग! मरीची! भास्कर!... एक कमल प्रभु राखेउ जोई। कमल नयन पूजन चहं सोई॥ आप जलंधर असुर संहारा। सुयश तुम्हार विदित संसारा॥ अर्थ- हे गिरिजा पति हे, दीन हीन पर https://jaibhole.co.in/home/Shree-Shiv-Chalisa

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